खुशियों के बीच मातम: राजस्थान के नागौर में बेटी की शादी से पहले पिता का निधन

राजस्थान के नागौर जिले के कुम्हारवाड़ा में रहने वाले महेश कंसारा के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। महेश कंसारा, जिन्हें प्यार से भाणु कहा जाता था, एक साधारण जीवन जीते थे और अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए बर्तनों की घिसाई का पुश्तैनी काम करते थे। परिवार की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं था क्योंकि उनकी बड़ी बेटी वंशिका की शादी 18 जनवरी को तय हुई थी। परंतु, नियति को कुछ और ही मंजूर था।

बेटी की शादी की तैयारी में जुटा था परिवार

महेश कंसारा अपनी बेटी वंशिका की शादी को लेकर बेहद उत्साहित थे। वह शादी के कार्ड बांटने में व्यस्त थे और पूरे जोश के साथ समारोह की तैयारियां कर रहे थे। घर में चारों ओर खुशियों का माहौल था। महेश अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे और परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते थे।

पिता की खबर के बाद अचानक गम में बदली खुशियां

मंगलवार की सुबह तक सबकुछ सामान्य था। महेश ने रोज की तरह अपना काम शुरू किया। लेकिन सुबह 10 बजे अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द महसूस हुआ। दर्द इतना असहनीय था कि आसपास के लोग तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, महेश की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

महेश के निधन की खबर से परिवार और पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी मृत्यु ने परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। महेश की पत्नी, उनकी मां और उनके चार बच्चों के लिए यह एक अकल्पनीय त्रासदी थी। परिवार अब बेसहारा हो गया है।

चार बच्चों की जिम्मेदारी अब माँ पर

महेश के परिवार में उनकी दो बेटियां और दो बेटे हैं। बड़ी बेटी वंशिका की उम्र 20 साल है, और वह 18 जनवरी को दुल्हन बनने वाली थी। छोटी बेटी 18 साल की है, जबकि उनके दोनों बेटों की उम्र क्रमशः 16 और 14 साल है। महेश की मृत्यु से न केवल वंशिका की शादी प्रभावित हुई, बल्कि पूरे परिवार का भविष्य अंधकारमय हो गया।

समाज का सहयोग की अपील

महेश के निधन के बाद समाज के लोग परिवार के समर्थन में आगे आए। कुम्हारवाड़ा के निवासियों ने परिवार को सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। हालांकि, एक साधारण परिवार के लिए इस दुखद घटना से उबरना बेहद कठिन है।

अब वंशिका की शादी का क्या होगा.

महेश के निधन के बाद परिवार अब इस सोच में है कि वंशिका की शादी तय समय पर हो पाएगी या नहीं। आर्थिक और भावनात्मक संकट के बीच परिवार के लिए यह निर्णय लेना आसान नहीं होगा। समाज के लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन शादी की तैयारियों और उससे जुड़े खर्चों को पूरा करना अब बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।

शोक और संवेदनाएं

महेश की मृत्यु की खबर जिसने भी सुनी, वह भावुक हो गया। उनकी सरलता और मेहनत के कारण समाज में उन्हें विशेष स्थान प्राप्त था। उनके निधन से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा मोहल्ला गमगीन है।

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