
नए साल के आगमन से पहले उत्तर भारत में मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में हुई बारिश के बाद अब शीत लहर का खतरा बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर समेत कई अन्य राज्यों में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा छाने का अनुमान है। इस बीच, दिल्ली सहित समूचे उत्तर भारत में सर्दी का सितम बढ़ने की संभावना है, जो नए साल के स्वागत को और भी ठंडा बना सकता है।
शीत लहर का असर:
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में सर्दी की तीव्रता में वृद्धि होगी। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है, जिससे शीत लहर की स्थिति पैदा होगी। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में शीतलहर के चलते दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट आ सकती है। पंजाब और हरियाणा में भी कड़ाके की ठंड का असर देखने को मिलेगा, जिससे कोहरे की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
दिल्ली और एनसीआर में कड़ाके की सर्दी:
दिल्ली में दिसंबर के आखिरी दिनों से ही ठंड का असर बढ़ चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों तक शीतलहर और घने कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। न्यूनतम तापमान 4-6 डिग्री तक गिर सकता है, और हवा में नमी के कारण ठंड का असर अधिक महसूस होगा। इसके अलावा, कोहरे के कारण यातायात प्रभावित होने की संभावना है, जिससे सड़क और रेल यातायात में देरी हो सकती है।
पंजाब और हरियाणा में शीत लहर का खतरा:
पंजाब और हरियाणा में भी ठंड बढ़ने की उम्मीद है। इन राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, जिससे ठंडी हवाएं चल रही हैं। खासकर रात के समय तापमान में गिरावट आएगी और सुबह के समय घना कोहरा छा सकता है, जिससे दृश्यता कम हो सकती है। इन राज्यों में किसानों को भी सुबह के समय हल्की ओस और कोहरे से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश में शीत लहर:
उत्तर प्रदेश में भी सर्दी का असर बढ़ने वाला है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शीतलहर के साथ ठंडी हवाएं चल सकती हैं, जिससे दिन का तापमान 12-14 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। नए साल पर यूपी में सर्दी का जोर रहेगा, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। ठंड और कोहरे के कारण दृश्यता में कमी आ सकती है, जो सड़क और हवाई यातायात को प्रभावित कर सकती है।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी का असर:
कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पहले से ही बर्फबारी हो चुकी है, और अब इन क्षेत्रों में शीतलहर का असर बढ़ सकता है। इन पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट और बर्फबारी के कारण सर्दी और बढ़ेगी, लेकिन पर्यटकों के लिए यह बर्फीला मौसम खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।