खनन परिवहन में बड़ा बदलाव: अब हर वाहान की लोकेशन सरकार के पास होगी दर्ज

नागौर। सरकार ने खनिजों के अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए एक नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। अब केवल उन्हीं वाहनों को खनिज परिवहन की अनुमति मिलेगी, जिनमें जीपीएस और आरएफआईडी टैग लगे होंगे। बिना व्हीकल लोकेशन डिवाइस और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के वाहनों का ई-रवन्ना जारी नहीं होगा। खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक पुष्कर राज आमेटा ने अभियंताओं को इस प्रणाली को जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं।

खनिज परिवहन को अब डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे प्रत्येक वाहन की रियल-टाइम लोकेशन प्राप्त होती रहेगी। ई-रवन्ना केवल तभी जारी होगा, जब वाहन अधिकृत लीज क्षेत्र से खनिज भरकर लाएगा और उसके पास जीपीएस और आरएफआईडी टैग होगा। प्रत्येक वाहन की वजन, रूट और गंतव्य की जानकारी ऑनलाइन दर्ज होगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। तय रूट से हटकर जाने वाले वाहनों को अवैध माना जाएगा और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

खनिज परिवहन पर नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग सिस्टम (ईटीएस) लागू किया जाएगा, जिससे अधिकारियों को यह पता चलता रहेगा कि वाहन कहां से खनिज लेकर आ रहा है और किस रूट से जा रहा है। अगर कोई वाहन तय मार्ग से हटता है, तो तुरंत अलर्ट जारी होगा। इसके अलावा, धर्मकांटा को भी खान विभाग के ई-रवन्ना पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे हर वाहन का डेटा ऑनलाइन दर्ज होगा।

खनिज लदे वाहनों पर आरएफआईडी टैग लगाना अनिवार्य किया गया है। इससे वाहन का नंबर स्वतः ट्रेस होगा और तय सीमा से अधिक भार होने पर चेतावनी जारी होगी। अगर कोई वाहन निर्धारित मार्ग से हटता है, तो कंट्रोल रूम को तुरंत अलर्ट मिलेगा। बिना आरएफआईडी टैग वाले वाहनों को खनिज देने वाले स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट और भंडारणकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

अब धर्मकांटा से गुजरने वाले प्रत्येक वाहन की जांच अनिवार्य होगी। वाहन में भरे खनिज की वैधता की पुष्टि होने पर ही ई-रवन्ना कन्फर्म किया जाएगा। अगर कोई वाहन तय सीमा से अधिक खनिज लोड करता है, तो उस पर फाइन लगाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई होगी। खनिज भरने से लेकर गंतव्य तक पहुंचने की पूरी यात्रा ऑनलाइन ट्रैक होगी, जिससे अवैध गतिविधियों पर रोक लग सकेगी।

नागौर खनिज अभियंता जेपी गोदारा ने बताया कि सरकार ने खनिज के अवैध परिवहन को रोकने के लिए यह नई प्रणाली लागू की है। उन्होंने कहा कि अब केवल उन्हीं वाहनों को खनिज परिवहन की अनुमति मिलेगी, जो सरकार के डिजिटल सिस्टम में पंजीकृत होंगे। इससे खनन माफिया की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लग सकेगी।

सरकार के इस फैसले से खनिज संसाधनों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। जीपीएस ट्रैकिंग, आरएफआईडी सिस्टम और ई-रवन्ना के जरिए अब अवैध खनन पर पूरी तरह से नजर रखी जा सकेगी। इस नई प्रणाली से खनन क्षेत्र की कार्यप्रणाली अधिक संगठित होगी और सरकार के राजस्व को भी बढ़ावा मिलेगा।

Related Posts

सरकारी कर्मियों की तैनाती के बाद रॉयल्टी कलेक्शन में 40% तक गिरावट, प्रशासन मौन बड़ी खाटू, नागौर: बड़ी खाटू खनन क्षेत्र में…

Continue reading

इंदिरा गांधी पर बयान से बढ़ा सियासी पारा, कांग्रेस ने तेज किया प्रदर्शन जयपुर| राजस्थान विधानसभा में सियासी भूचाल जारी है! पूर्व…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *