
बड़ी खाटू में कल से अनिश्चितकालीन धरना, एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव को लेकर गुस्सा बढ़ा
बड़ी खाटू (नागौर)। बड़ी खाटू रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर कल, 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत कर दी जाएगी। यह धरना रेलवे विभाग और क्षेत्रीय राजनेताओं पर आरोप लगाते हुए शुरू किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर वे अधिकारियों और नेताओं के पास गए, लेकिन किसी ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। अब, उन्होंने यह आंदोलन आर-पार की लड़ाई के रूप में लिया है।
रेलवे विभाग और नेताओं पर गंभीर आरोप
धरने में शामिल होने वाले ग्रामीणों और रेलवे विकास समिति के सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि रेलवे विभाग ने बड़ी खाटू रेलवे स्टेशन के विकास के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं किया, जिससे इन पैसों का कोई लाभ नहीं हुआ।समिति के सदस्य का कहना है, “हमने कई बार रेलवे विभाग से अनुरोध किया, लेकिन किसी ने भी हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया। यह पैसा पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया, क्योंकि स्टेशन पर ठहरने वाली ट्रेनों की कमी से लोग परेशान हैं।”
क्षेत्रीय नेताओं की उपेक्षा पर सवाल
ग्रामीणों ने क्षेत्रीय राजनेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नेताओं ने हमेशा इस मुद्दे को राजनीति के तहत टाला और उनकी आवाज को अनसुना किया। रेलवे विकास समिति के एक सदस्य ने कहा, “हमने स्थानीय सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं से कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन किसी ने भी हमारी मदद नहीं की। ये नेता केवल चुनावों के दौरान ही हमारे पास आते हैं, लेकिन विकास के मामले में उनकी कोई रुचि नहीं है।”ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई सालों से उनकी मांगों को लेकर नेताओं की ओर से केवल वादे किए गए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

धरने में शामिल होने वाले ग्रामीणों का आक्रोश
बड़ी खाटू कल से धरने में शामिल ग्रामीणों का कहना है कि वे अब पूरी तरह से निराश हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “अब तक हम अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रयास कर रहे थे, लेकिन अब हम कोई और रास्ता नहीं देख रहे हैं। जब तक बड़ी खाटू स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होगा, तब तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।”
ग्रामीणों का कहना है कि एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव से ना केवल उनका समय बचेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी मदद करेगा। आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग बड़ी खाटू स्टेशन पर यात्रा करने के लिए निर्भर हैं, लेकिन ट्रेनों के ठहराव की कमी से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
रेलवे विकास समिति का बयान
रेलवे विकास समिति के सदस्यों ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से अधिकारियों और नेताओं के पास गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन केवल बड़ी खाटू के लोगों का नहीं है, बल्कि आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग इससे जुड़े हुए हैं। हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।”
धरने को लेकर सोशल मीडिया पर बढ़ रहा समर्थन
धरने को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा तेज हो गई है। बड़ी खाटू के आसपास के क्षेत्रों के लोग और सोशल मीडिया यूजर्स रेलवे विभाग और क्षेत्रीय नेताओं की आलोचना कर रहे हैं। लोग इसे एक न्यायिक लड़ाई के रूप में देख रहे हैं और आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।
आखिरी प्रयास और भविष्य की रणनीति
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे इस आंदोलन को और भी तेज करेंगे। उनका कहना है, “हमने हर स्तर पर प्रयास किया है, लेकिन जब तक इस मामले का समाधान नहीं होता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।” साथ ही यह आंदोलन सिर्फ बड़ी खाटू का नहीं है, बल्कि आसपास के सैकड़ों गांवों का भी है, और जब तक रेलवे विभाग और क्षेत्रीय नेता उनकी बात नहीं सुनते, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
क्या रेलवे विभाग और क्षेत्रीय नेता इस आंदोलन को गंभीरता से लेंगे, या यह मामला और बढ़ेगा? यह सवाल अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
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