
प्रदेशभर में 2,070 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के लिए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में समिति गठित की गई है। समिति छात्रों की संख्या, शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करेगी।सरकार के अनुसार इस कदम का उद्देश्य स्कूलों की स्थिति सुधारकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
प्रदेश में इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना
राजस्थान सरकार ने कुछ वर्ष पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेशभर में कई महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की शुरुआत की गई थी। इन स्कूलों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से स्थापित किया गया, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र भी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा का लाभ उठा सकें। इन स्कूलों में नामांकन तेजी से बढ़ा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण और शहरी छात्रों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के प्रति रुचि है।

महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों का उद्देश्य
पिछली सरकार के द्वारा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से की गई थी, जो अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करना चाहते हैं। इन स्कूलों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के बीच लोकप्रियता हासिल की है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बयान
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कुछ महीने पहले कहा था कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह देखा जा रहा है कि इन स्कूलों की वर्तमान में कितनी जरूरत है और क्या यह नई शिक्षा नीति के अनुरूप हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि समीक्षा के बाद ही स्कूलों के भविष्य को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
समिति गठन के बाद नई बहस की शुरुआत
राज्य सरकार का यह कदम न केवल स्कूलों की मौजूदा स्थिति का मूल्यांकन करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि इन स्कूलों को किस दिशा में ले जाया जाए। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अंतिम निर्णय समीक्षा के निष्कर्षों के आधार पर लिया जाएगा।