
अजमेर/राजस्थान।ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स में हिस्सा लेने के लिए 105 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था सोमवार रात करीब 2 बजे दिल्ली से अजमेर पहुंचेगा। यह जत्था 6 जनवरी को ट्रेन संख्या 12015 शताब्दी एक्सप्रेस से अजमेर आएगा। पहली बार पाकिस्तानी जायरीन की संख्या न्यूनतम रखी गई है। दरगाह में जायरीन और पाकिस्तानी अधिकारी ख्वाजा साहब की मजार पर सलमा-सितारों वाली खास चादर पेश करेंगे।पाक जत्था 5 जनवरी को अटारी बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेगा। अजमेर प्रशासनिक टीम उन्हें 6 जनवरी को दिल्ली लेकर पहुंचेगी। 10 जनवरी को जायरीन दोपहर 3:50 बजे अजमेर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे और 11 जनवरी को रात्रि 10:30 बजे स्वर्ण जयंती शताब्दी एक्सप्रेस से अमृतसर लौटेंगे।

पाक जायरीनो सुरक्षा और ठहरने की व्यवस्था
जिला प्रशासन, खुफिया एजेंसियों और पुलिस ने जायरीन की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जायरीन को पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में ठहराया जाएगा। उनके आवास और जियारत की व्यवस्था के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त भरतराज गुर्जर को संपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है।
चादर पेश करने की परंपरा जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उर्स में चादर पेश करने की परंपरा जारी है। इस बार केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने चादर पेश करते हुए पीएम का संदेश पढ़ा। उन्होंने कहा, “ख्वाजा साहब के लोक कल्याण और मानवता से जुड़े संदेशों ने दुनिया भर में लोगों पर गहरी छाप छोड़ी है। उनके आदर्श पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।“
पाकिस्तानी जायरीन की यात्रा पर एक नजर
जायरीन के सी-फॉर्म ऑनलाइन सबमिट करने की जिम्मेदारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ऐजाज अहमद, तहसीलदार ओमसिंह लखावत और एनआईसी के संयुक्त निदेशक तेजा सिंह रावत को दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी पेश की 11वीं बार चादर
ख्वाजा साहब के उर्स में पीएम मोदी की चादर भेजने की यह 11वीं बार है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्रियों पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह ने भी यह परंपरा निभाई है।