
राजस्थान के दौसा जिले के महुखेड़ा गांव में बाघ के हमले ने दहशत फैला दी है। बुधवार सुबह बाघ ने तीन लोगों पर हमला किया, जिससे ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए नौ घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। अब विभाग पगमार्क के आधार पर बाघ का पीछा कर रहा है।
बाघ की लोकेशन ट्रेस, अलवर की ओर बढ़ रहा
वन विभाग के अनुसार, यह बाघ 22 महीने का है और इसे कोड एसटी 2402 से पहचाना गया है। बाघ ने बिवाई दुब्बी के रास्ते दौसा जिले से अलवर जिले में प्रवेश किया है। फोरेस्टर महेंद्र गुर्जर और उनकी टीम ने पगमार्क के जरिए बाघ की लोकेशन ट्रेस की। बाघ महुखेड़ा से किरिरिया सिमला और पीपलखेड़ा गांव होते हुए अलवर की ओर बढ़ रहा है।
प्रशासन के लिए रेडियो कॉलर की कमी बनी चुनौती
बाघ के पास रेडियो कॉलर नहीं होने से उसकी सटीक लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। रेडियो कॉलर से बाघ की गतिविधियों पर नजर रखना और उसे ट्रैक करना आसान होता। इसके बावजूद वन विभाग की टीमें हरसंभव प्रयास कर रही हैं।
ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह
बाघ के हमले में घायल हुए तीनों व्यक्तियों का अस्पताल में इलाज जारी है और उनकी स्थिति स्थिर है। घटना के बाद से महुखेड़ा और आसपास के गांवों में डर का माहौल है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और बच्चों व मवेशियों को घरों के पास रखने की सलाह दी है।
प्रशासन के द्वारा स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील

वन विभाग ने ग्रामीणों से बाघ की गतिविधियों की सूचना देने का अनुरोध किया है। विभाग ने अपने संसाधनों को मजबूत करने का आश्वासन दिया है ताकि बाघ को सुरक्षित तरीके से पकड़ा जा सके।
प्रशासन की सतर्क निगरानी लेकिन अलर्ट जारी
वन विभाग और सिविल डिफेंस की टीम बाघ की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है। पगमार्क के आधार पर बाघ की दिशा का पता लगाया गया है। प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही बाघ को सुरक्षित पकड़ा जाएगा और स्थिति सामान्य होगी, साथ ही ग्रामीणों को अलर्ट भी किया है.