
पुलिस ने राजकीय कार्य में बाधा का आरोप लगाते हुए 90 पर दर्ज किया केस
नागौर (सरासनी)। सरासनी गांव में हाल ही में हुए लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 90 ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया है। इनमें से 27 ग्रामीणों को नामजद आरोपी बनाया गया है। SHO मुकेश चंद्र ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने राजकीय कार्य में बाधा डालते हुए पुलिस पर पथराव किया।साथ ही बताया कि ग्रामीणों ने प्रदर्शन के दौरान न केवल पुलिस को रोकने की कोशिश की, बल्कि पथराव भी किया, जिससे राजकीय कार्य में बाधा पहुंची। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई है।
किसानो का आरोप
धरना स्थल पर बैठे किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस ने उन्हें जानबूझकर उकसाया। ग्रामीणों ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए इसे दबाव बनाने की साजिश करार दिया।पुलिस की इस कार्रवाई से ग्रामीणों और किसान संगठनों में रोष है। संगठनों ने इसे आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश बताते हुए कहा है कि यदि मामले वापस नहीं लिए गए, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने की चेतावानी दी है।

पुलिस रिपोर्ट में नामजद आरोपियों की सूची
रोल थाने में दर्ज हुई रिपोर्ट के अनुसार अनिल बारूपाल,हरि राम,शिव राम,पुरखा राम,ओम प्रकाश,सलेंद्र सिंह,जगदीश नाथ,रविन्द्र,बस्ती राम,मनहौर शर्मा, कमल,नाथु राम,ओम प्रकाश,रतन,प्रकाश शर्मा, अमुड़ी,शोभा,रामूड़ी,समपुड़ी, घीसाराम,बलदेव राम,प्रदीप,मोहन नाथ,नरपत,हरेंद्र सहित 63 किसानों पर राजकीय कार्य में बाधा डाल को लेकर मामला दर्ज किया है।
खींवसर पूर्व विधायक का बयान
घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा, “यह लाठीचार्ज सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। प्रशासन ने सीमेंट कंपनी के दबाव में आकर किसानों को डराने की कोशिश की है। इसका जवाब ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।” उन्होंने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्हें न्याय दिलाने के लिए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।