
हरिराम रेवाड़ का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, तिरंगा लेकर पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण
राजोद, जायल (नागौर)। जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में सड़क दुर्घटना में शहीद हुए नागौर जिले की जायल तहसील के राजोद गांव निवासी हवलदार हरिराम रेवाड़ का पार्थिव शरीर सोमवार शाम उनके पैतृक गांव पहुंचा। शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान गांव और आसपास के इलाकों में भारत मां के जयघोष और “हरिराम अमर रहें” के नारों की गूंज सुनाई दी।पार्थिव शरीर पहुंचते ही जनसमूह उमड़ पड़ा। सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और शहीद के 11 वर्षीय बेटे नवीन ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस भावुक क्षण में शहीद की 7 वर्षीय बेटी वंदना भी मौजूद रही।हरिराम 13 राष्ट्रीय राइफल्स में हवलदार के पद पर तैनात थे। 4 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में एक सड़क दुर्घटना में वह वीरगति को प्राप्त हुए।
श्रद्धांजलि के लिए उमड़ा जनसैलाब
शाम को जब शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो पूरा गांव भारत मां के सपूत को श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़ा। सैकड़ों की संख्या में लोग तिरंगा लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए। गांव के दुकानदारों ने प्रतिष्ठान बंद कर शहीद को नमन किया।

शहीद के परिवार के प्रति संवेदनाएं, बलिदान को याद रखेगा देश
हरिराम आठ भाई-बहनों में सबसे छोटे थे और 2010 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनके बलिदान पर राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित और पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने शहीद के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “हरिराम जैसे वीर सपूतों की बदौलत हमारा देश सुरक्षित है। उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखा जाएगा।”
शहीद हरिराम के सम्मान में उमड़े इस जनसैलाब ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों को देश कभी नहीं भूलता।