
भारत-कनाडा रिश्तों में सुधार की उम्मीदें: ट्रूडो का इस्तीफा और उसके प्रभाव
नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। उनके इस कदम के बाद, भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। ट्रूडो के इस्तीफे के कारण अब कनाडा में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, भारत और कनाडा के बीच कई विवादों और कूटनीतिक तनावों के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक बदलाव आएगा। खासतौर पर भारत ने कनाडा में खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों के बारे में कई बार चिंता जताई थी, जिसे ट्रूडो सरकार की नीतियों ने बढ़ावा दिया था।
हालांकि, ट्रूडो का इस्तीफा एक आश्चर्यजनक कदम था, लेकिन कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में नई दिशा मिल सकती है। भारत ने हमेशा कनाडा से मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंधों की आवश्यकता जताई है, और यह स्थिति दोनों देशों के लिए फायदे की हो सकती है।
इसके साथ ही, कनाडा में नया प्रधानमंत्री कौन होगा, यह आने वाले समय में सामने आएगा। प्रधानमंत्री के पद के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है, और यह देखा जाएगा कि नया नेतृत्व भारतीय कूटनीति के साथ किस तरह से तालमेल बैठाता है।