सोनोग्राफी कक्ष पर ताला, डॉक्टर नहीं होने से मरीज परेशान

डीडवाना। राजकीय बांगड़ जिला अस्पताल, जिसे हाल ही में जिला अस्पताल का दर्जा मिला, में सुविधाओं की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। सोनोग्राफी जैसी महत्वपूर्ण जांच सेवा पिछले कई दिनों से ठप है। इसका कारण कक्ष में ताला लटकना है, क्योंकि सोनोग्राफी करने के लिए कोई डॉक्टर नियुक्त नहीं किया गया है।

डॉ. राजेंद्र वैष्णव, जो इस सेवा को संभालते थे, 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो गए। उनके रिटायरमेंट के बाद से अब तक प्रशासन द्वारा किसी अन्य डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। इससे मरीजों को निजी लैब्स में जाकर महंगे दामों पर जांच करवानी पड़ रही है। पहले यह सुविधा अस्पताल में निशुल्क उपलब्ध थी, जिससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बड़ी राहत मिलती थी।

ग्रामीण इलाकों से आए मरीजों ने अपनी परेशानी जाहिर करते हुए बताया कि निजी लैब्स की महंगी फीस उनके लिए बड़ी समस्या बन गई है। एक मरीज ने कहा, “हम यहां मुफ्त सोनोग्राफी के लिए आए थे, लेकिन अस्पताल में यह सुविधा बंद है। अब हमें प्राइवेट लैब में खुद के खर्च से सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है।”

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस समस्या का तुरंत समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में डॉक्टर की नियुक्ति के साथ सभी सेवाओं को सुचारू किया जाए।मरीजों के परिजनों के अनुसार प्रशासन को चाहिए कि वह इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित कदम उठाए ताकि मरीजों को राहत मिल सके। सरकारी अस्पताल का उद्देश्य सस्ती और सुलभ चिकित्सा सेवाएं देना है, लेकिन डॉक्टरों की कमी इस उद्देश्य को प्रभावित कर रही है।

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