राजस्थान/नागौर। शहर और गांवों में पतंग बाजार सज चुका है, लेकिन इस बार भी चाइनीज मांझा खुलेआम बिक रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इसे प्रतिबंधित करने के आदेश जारी करने के बावजूद न तो बिक्री रुकी है और न ही इसके उपयोग पर कोई ठोस कार्रवाई हुई है। चाइनीज मांझा आमजन और पक्षियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे हुए हैं।

चाइनीज मांझा प्रतिबंध के बावजूद बेधड़क बिक्री

पिछले 17 दिसंबर को जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने आदेश जारी कर चाइनीज मांझे की थोक और खुदरा बिक्री, भंडारण, परिवहन, और उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया था। इसके अलावा सुबह 6 से 8 और शाम 6 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर भी पाबंदी लगाई गई। बावजूद इसके, नागौर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बेचा और खरीदा जा रहा है।

चाइनीज मांझा पक्षियों और आमजन के लिए खतरा

चाइनीज मांझे की धार इतनी तेज होती है कि यह केवल पक्षियों के पंख ही नहीं काटता, बल्कि इंसानों के गले और हाथों को भी घायल कर सकता है। कोटा में हाल ही में दो भाइयों को इस मांझे ने करंट लगाकर गंभीर चोट पहुंचाई, जिसमें एक भाई की मौत हो गई। ऐसे हादसों के बावजूद नागौर प्रशासन की निष्क्रियता सवाल खड़े करती है।

शासन सचिव डॉ. समित शर्मा के निर्देश

पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने सभी जिला कलक्टरों को पत्र लिखकर चाइनीज मांझे पर रोक लगाने और इस संबंध में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध का आदेश दिया था। यह आदेश खासकर नायलॉन, सिंथेटिक और लेपित मांझों पर लागू होता है।

जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने कहा, “चाइनीज मांझे की बिक्री, भंडारण और उपयोग को लेकर सख्त आदेश दिए गए हैं। यदि कोई इसका उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।

Related Posts

सरकारी कर्मियों की तैनाती के बाद रॉयल्टी कलेक्शन में 40% तक गिरावट, प्रशासन मौन बड़ी खाटू, नागौर: बड़ी खाटू खनन क्षेत्र में…

Continue reading

इंदिरा गांधी पर बयान से बढ़ा सियासी पारा, कांग्रेस ने तेज किया प्रदर्शन जयपुर| राजस्थान विधानसभा में सियासी भूचाल जारी है! पूर्व…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *