10 गांवों के विकास के लिए बड़ी खाटू पंचायत का पुनर्गठन जरूरी

बड़ी खाटू। राजस्थान के नागौर जिले की बड़ी खाटू पंचायत, जो 1500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल और 16,000 से अधिक जनसंख्या को समेटे हुए है, विकास कार्यों की कमी और प्रशासनिक समस्याओं से जूझ रही है। पंचायत के अंतर्गत धीजपुरा, हिरासनी, कचरास, बड़ी खाटू, खिंयाबास, मोती नगर, नीम नगर, रूप नगर, ठाटरवा और ठाटरवी जैसे गांव आते हैं। इतने बड़े क्षेत्र और आबादी के चलते सभी गांवों तक सरकारी योजनाओं का लाभ और विकास कार्य पहुँचाना मुश्किल हो रहा है। इन समस्याओं को देखते हुए ग्रामीणों ने पंचायत के विभाजन की मांग उठाई है। इसी को लेकर 20 जनवरी को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

ग्रामीणों के अनुसार बड़ी खाटू पंचायत में शामिल गांवों के लोगों का कहना है कि बड़े क्षेत्र के कारण विकास कार्य धीमी गति से हो रहे हैं। पंचायत मुख्यालय से दूर गांवों के निवासियों को अपनी समस्याएँ रखने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसका असर सरकारी योजनाओं के लाभ और ग्रामीण विकास पर पड़ रहा है। पंचायत के प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार की बढ़ती संभावना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

बड़ी खाटू कस्बा

गांवों में विकास में असमानता का आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि इतने बड़े क्षेत्र में सभी गांवों को समान रूप से विकास कार्यों का लाभ नहीं मिल पाता। सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से कई गांव पीछे रह गए हैं। पंचायत के बड़े दायरे के कारण प्रशासनिक प्रबंधन कमजोर हो गया है, जिससे आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

बड़ी खाटू पंचायत विभाजन की आवश्यकता

ग्रामीणों ने बताया कि सरकार के अनुसार 3000 जनसंख्या वाले गांव को अलग पंचायत बनाया जा सकता है। इस आधार पर बड़ी खाटू पंचायत का विभाजन करना आवश्यक है। यदि पंचायत को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाए, तो प्रत्येक क्षेत्र में विकास कार्यों की गति तेज होगी और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता आएगी।

20 जनवरी को ज्ञापन सौंपने की तैयारी

20 जनवरी को बड़ी खाटू पंचायत के सभी गांवों के ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे। इस ज्ञापन में पंचायत के विभाजन की मांग प्रमुखता से रखी जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि विभाजन से पंचायत के प्रबंधन में सुधार होगा और सभी गांवों को विकास का लाभ मिल सकेगा।साथ ही ग्रामीणों ने राज्य सरकार से अपील की है कि बड़ी खाटू पंचायत का जल्द से जल्द विभाजन किया जाए। उनका मानना है कि यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद करेगा। साथ ही इससे प्रत्येक गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास संभव होगा।

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