
सरकारी कर्मियों की तैनाती के बाद रॉयल्टी कलेक्शन में 40% तक गिरावट, प्रशासन मौन
बड़ी खाटू, नागौर: बड़ी खाटू खनन क्षेत्र में रॉयल्टी वसूली को लेकर बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। आरोप है कि खनन विभाग के अधिकारी और रॉयल्टी वसूली कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी राजस्व को लाखों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।सूत्रों के अनुसार, हाल ही में खनन विभाग ने निजी फर्म को रॉयल्टी वसूली का ठेका दिया था, लेकिन छह महीने के भीतर ही किसी कारणवश ठेका रद्द कर दिया गया। इसके बाद, नागौर खनन विभाग के खनिज अभियंता जेपी गोदारा ने सरकारी कर्मियों की तैनाती की।
खनिज अभियंता द्वारा बड़ी खाटू रॉयल्टी वसूली के लिए कर्मियों को बड़ी खाटू के चार प्रमुख रॉयल्टी नाकों पर चुंगी चौकी पर जगदीश ओर पांचाराम गोल डूंगरी इंद्र सिंह हिंदू बेरा मुकेश ओर बरना नाडा टीकू राम को नियुक्त कर रखा है।लेकिन इसके बाद रॉयल्टी वसूली में भारी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती सप्ताह में ही वसूली से अब 15% से 20% की गिरावट बताई जा रही गई।

प्रशासन अनजान या मिलीभगत?
सूत्र बताते हैं कि इस गिरावट की जानकारी खनिज अभियंता जयप्रकाश गोदारा और अजमेर एसएमई जय गुरबक्शानी को हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
गौरतलब है कि सरकार इस क्षेत्र की रॉयल्टी वसूली के ठेके करोड़ों में लगाती है, लेकिन जब से सरकारी कर्मियों को तैनात किया गया है, तब से महीने का रॉयल्टी कलेक्शन 32 लाख से भी कम दिखाया जा रहा है। यह मुद्दा ग्रामीणों में चर्चा का विषय बन चुका है।
मीडिया ने मांगा जवाब, अधिकारी चुप
मीडिया कर्मि ने इस मामले पर खनिज अभियंता से प्रतिक्रिया लेनी चाही, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे सवाल उठता है कि क्या वाकई सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से रॉयल्टी वसूली में हेराफेरी की जा रही है.
ग्रामीणों ने की निष्पक्ष जांच की मांग
ग्रामीणों और क्षेत्र के व्यापारियों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। यदि इस घोटाले की गहराई से जांच हो तो यह सामने आ सकता है कि सरकारी राजस्व को प्रतिमाह लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।