
रेलवे प्रतिनिधियों के आश्वासन से नाखुश लोग, ठहराव नहीं तो धरना जारी
बड़ी खाटू/नागौर। बड़ी खाटू रेलवे स्टेशन के आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों ने धरना स्थल पर एकत्रित होकर रेलवे प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने रेलवे अधिकारियों से मांग की कि बड़ी खाटू जैसे ऐतिहासिक स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके।बड़ी खाटू रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और रेलवे विकास कमेटी का धरना लगातार तेज होता जा रहा है। बुधवार को इस मुद्दे पर रेलवे अधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल धरना स्थल पर पहुंचा, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।

धरना स्थल पर उमड़ा जनसैलाब, ठहराव की मांग पर अड़े ग्रामीण
बड़ी खाटू रेलवे स्टेशन के आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों ने धरना स्थल पर एकत्रित होकर रेलवे प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने रेलवे अधिकारियों से मांग की कि बड़ी खाटू जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे प्रशासन को आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बड़े फैसले लेने चाहिए। बड़ी खाटू क्षेत्र से बड़ी संख्या में यात्री दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और जोधपुर की ओर सफर करते हैं, लेकिन यहां एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है।
रेलवे अधिकारियों का आगमन, लेकिन समाधान नहीं
जोधपुर मंडल के डीआरएम ऑफिस से रेलवे अधिकारियों का एक दल बुधवार को धरना स्थल पर पहुंचा। उन्होंने ग्रामीणों और रेलवे विकास कमेटी के सदस्यों से बातचीत की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।रेलवे अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और उच्च अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। हालांकि, ग्रामीणों ने यह स्पष्ट कर दिया कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि उन्हें ठोस निर्णय चाहिए। जब तक एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
गुरुवार को रेलवे विकास कमेटी करेगी डीआरएम से मुलाकात
धरना स्थल पर हुई बातचीत के बाद यह तय किया गया कि गुरुवार को रेलवे विकास कमेटी के कुछ सदस्य जोधपुर डीआरएम ऑफिस जाकर अधिकारियों से इस मुद्दे पर मुलाकात करेंगे। इस बैठक में रेलवे अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की जाएगी और ट्रेनों के ठहराव को लेकर रेलवे प्रशासन की मंशा स्पष्ट की जाएगी।रेलवे विकास कमेटी के सदस्यों का कहना है कि यदि जोधपुर डीआरएम ऑफिस में होने वाली इस बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तो वे अपने इस धरना प्रदर्शन को और तेज करेंगे।
आरक्षण टिकट खिड़की का समय भी बना मुद्दा
एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के अलावा, धरना स्थल पर आरक्षण टिकट खिड़की के समय को लेकर भी चर्चा हुई। ग्रामीणों ने रेलवे अधिकारियों से यह मांग की कि टिकट खिड़की का समय सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक किया जाए, जिस से यात्रियों की सुविधा मिल सके साथ ही रेलवे का कलेक्शन भी बढ़ सके।
वर्तमान में आरक्षण टिकट खिड़की का समय सीमित होने के कारण यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि बड़ी खाटू रेलवे स्टेशन पर आरक्षण टिकट खिड़की का समय बढ़ाया जाना चाहिए ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।
रेलवे अधिकारियों ने मीडिया से बनाई दूरी
धरना स्थल पर पहुंचे रेलवे प्रतिनिधियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत तो की, लेकिन उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। मीडिया के सवालों से बचने के कारण स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी गई। ग्रामीणों का कहना है कि यदि रेलवे प्रशासन वास्तव में उनकी मांगों को लेकर गंभीर होता, तो वह मीडिया के सामने अपनी बात स्पष्ट रूप से रखता।

स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों का समर्थन
इस आंदोलन को स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। बड़ी खाटू क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि वे जनता की मांगों को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव को लेकर निर्णय लें।स्थानीय नेताओं का कहना है कि यदि रेलवे प्रशासन इस मांग को नजरअंदाज करता है, तो वे इस धरने को और बड़ा करेंगे और जरूरत पड़ने पर दिल्ली तक भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
रेलवे प्रशासन पर बढ़ा दबाव, क्या होगा अगला कदम?
रेलवे प्रशासन पर अब भारी दबाव बन गया है। सैकड़ों ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन और लगातार बढ़ते जनसमर्थन को देखते हुए अब रेलवे अधिकारियों को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाना होगा।गुरुवार को जोधपुर डीआरएम ऑफिस में होने वाली बैठक इस मुद्दे का भविष्य तय करेगी। यदि इस बैठक में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता, आगे ये अनिश्चितकालीन धरना और बड़ा रूप ले सकता है।
ग्रामीणों की एकजुटता बनी आंदोलन की ताकत
इस पूरे धरने में सबसे बड़ी बात यह रही कि ग्रामीणों की एकजुटता देखने को मिली। बड़ी खाटू और आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग धरना स्थल पर डटे रहे और अपनी मांगों को लेकर अडिग रहे।ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और जब तक रेलवे प्रशासन एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की घोषणा नहीं करता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।