
बड़ी खाटू। नागौर जिले के बड़ी खाटू क्षेत्र में खसरा नंबर 1148/1 पर अवैध खनन का मामला गंभीर रूप से सामने आया है। खनन माफिया द्वारा बेशकीमती खनिज संपदा को अवैध रूप से निकालने की गतिविधियों ने क्षेत्र के पर्यावरण, जल स्रोतों और धार्मिक स्थलों के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर दिया है।खनन माफिया ने खसरा नंबर 1148/1 में अवैध खनन का अड्डा बना लिया है। दिन-रात चल रही इन गतिविधियों से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आसपास के ग्रामीणों का जीवन भी प्रभावित हो रहा है। प्रशासन और खनन विभाग की लापरवाही के चलते यह अवैध खनन बेरोकटोक जारी है।
क्षेत्र में पर्यावरण और जल प्रदूषण का बढ़ता खतरा
खनन के दौरान क्षेत्र की प्राकृतिक संरचना को नुकसान पहुंच रहा है। इलाके में मौजूद भूगर्भीय जलस्तर तेजी से गिर रहा है, जिससे पीने के पानी की समस्या गहराती जा रही है। खनन के दौरान निकलने वाली धूल और जहरीले पदार्थ हवा को प्रदूषित कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में श्वसन संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं।
खनन स्थल से निकलने वाले रसायन और खनिज अवशेष पास के जलस्रोतों में मिलकर जल प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। क्षेत्र के कई नाडी व तालाब प्रदूषित हो गए हैं।
धार्मिक स्थलों पर मंडराया खतरा
बड़ी खाटू धार्मिक दृष्टि से एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहां मौजूद कई प्राचीन धार्मिक स्थल खनन के चलते खतरे में हैं। भारी मशीनों और दिनरात अवैध खनन के उपयोग से इन स्थलों की नींव कमजोर हो रही है। स्थानीय लोग इस खतरे को लेकर गहरी चिंता में हैं।
खनन विभाग की नाकामी
खनन विभाग की लापरवाही इस अवैध खनन का सबसे बड़ा कारण है। ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा। खनन माफिया खुलेआम कानून को ताक पर रखकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।खनन विभाग की नाकामी के चलते खनन माफिया का हौसला इतना बढ़ गया है कि उन्होंने बड़े पैमाने पर जमीन को खोद डाला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग और माफिया की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है।