भारतीय नौसेना के जवान पिंटू पोषक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

कुचामनसिटी। राजस्थान के नागौर जिले के ठठाना गांव में भारतीय नौसेना के जवान पिंटू पोषक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 24 वर्षीय जवान की ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से मुंबई में मौत हो गई। उनके असमय निधन से परिवार, गांव और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।जवान पिंटू पोषक का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव ठठाना पहुंचा तो पूरा गांव उमड़ पड़ा। भारत माता के जयघोष और “पिंटू अमर रहे” के नारों से गांव का माहौल गम और गर्व से भर गया। भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने शहीद जवान के पिता रामनिवास पोषक को तिरंगा और पिंटू के कपड़े सौंपे। जवान के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

जवान पिंटू पोषक का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव ठठाना पहुंचा तो पूरा गांव उमड़ पड़ा। भारत माता के जयघोष और “पिंटू अमर रहे” के नारों से गांव का माहौल गम और गर्व से भर गया। भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने शहीद जवान के पिता रामनिवास पोषक को तिरंगा और पिंटू के कपड़े सौंपे। जवान के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

ग्रामीणों ने बताया पिंटू पोषक की वीरता और सेवा के बारे में

पिंटू पोषक भारतीय नौसेना में तैनात एक होनहार जवान थे। बचपन से ही उनकी देशसेवा में रुचि थी। परिवार ने बताया कि पिंटू का सपना था कि वह भारतीय सेना या नौसेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करें। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार और गांववाले गर्व महसूस करते थे। मुंबई में उनकी तैनाती के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से उनके निधन की खबर गांव में पहुंची तो सभी स्तब्ध रह गए।पिंटू के पिता रामनिवास पोषक और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए यह समय बेहद कठिन था। उनकी मां, भाई-बहन और अन्य रिश्तेदार इस असमय घटना से टूट गए हैं। पिंटू न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए प्रेरणा थे।

अंतिम विदाई में गांव में उमड़ा जनसैलाब

पार्थिव देह के गांव पहुंचने पर पूरा गांव पिंटू को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा। हर व्यक्ति की आंखों में आंसू थे, लेकिन उनके बलिदान पर गर्व भी झलक रहा था। युवा, बच्चे, बुजुर्ग सभी पिंटू को देखने और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए एकत्रित हुए।जवान की अंतिम यात्रा के दौरान हर तरफ देशभक्ति का माहौल था। तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा, मां और परिवार के अन्य सदस्य बेसुध हो गए। ग्रामीणों ने उन्हें सांत्वना दी और पिंटू के बलिदान को नमन किया।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

पिंटू पोषक का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। अधिकारियों ने पिंटू के पिता को उनकी वर्दी और तिरंगा सौंपते हुए उनके बलिदान को सलाम किया। इस दौरान गांव के प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।पिंटू की चिता को उनके पिता रामनिवास पोषक ने मुखाग्नि दी। परिवार के सदस्यों के साथ ही गांव के हजारों लोगों ने इस वीर सपूत को अंतिम विदाई दी। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हर व्यक्ति ने भारत माता के जयकारे लगाए और पिंटू के बलिदान को हमेशा याद रखने का संकल्प लिया।

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